राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज महावीर जयंती पर देशवासियों को और विशेष रूप से जैन समुदाय को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान महावीर अंहिसा और करुणा की मूर्ति थे, जिन्होंने अंहिसा परमो धर्मा के संदेश से मानवता को नई राह दी।
उन्होंने कहा कि महावीर जयंती का संदेश आध्यात्म के मार्ग पर चलते हुए सादगी और दया का जीवन अपनाने तथा भौतिक सुविधाओं तथा इच्छाओं से मुक्ति का संदेश देता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संदेश में कहा कि भगवान महावीर की शिक्षा हमें करुणामयी और सदभावपूर्ण विश्व की ओर ले जाती हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न मतो का सम्मान करने और सभी जीवों के प्रति दया का उनका संदेश आज के युग में और प्रासंगिक हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देशवासियों को महावीर जयंती पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कल विज्ञान भवन में नवकार महामंत्र दिवस कार्यक्रम में कहा कि भारत की बौद्धिक और अध्यात्मिक विरासत को आकार देने में जैन साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उन्होंने प्राकृत और पाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के केन्द्र सरकार के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे जैन साहित्य पर और अधिक शोध हो सकेगा।