राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि सांख्यिकी उपकरण और मात्रात्मक तकनीक, नीतिगत निर्णयों के लिए अनुभव प्रदान करके प्रभावी शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राष्ट्रपति ने आज राष्ट्रपति भवन में भारतीय सांख्यिकी सेवा-आईएसएस के परिवीक्षार्थियों के एक समूह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारें स्वास्थ्य, शिक्षा, जनसंख्या आकार और रोजगार आदि पर डेटा एकत्र करने के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणालियों पर निर्भर करती हैं, जो नीति-निर्माण का आधार बनती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि सांख्यिकी विश्लेषण शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी न केवल कुशल शासन की रीढ़ है, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास का एक उपकरण भी है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सरकार को नीतियों को तैयार करने तथा लागू करने और निगरानी करने के साथ-साथ नीति समीक्षा और प्रभाव आकलन के लिए डेटा की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की निष्पक्ष समझ और आकलन के लिए भी डेटा की आवश्यकता होती है।