राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज कृषि वैज्ञानिकों से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग जैसी चुनौतियों से बचाने के लिए वर्तमान समय के अनुरूप नई योजनाएं बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि कृषि और किसानों के क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकी, रिमोट सेंसिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नैनो प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए।
आज सुबह भुवनेश्वर में ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 40वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को देश के लिए नई योजनाएं बनाते समय मृदा स्वास्थ्य, पर्यावरण, मृदा संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ दशकों में कृषि के क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि हासिल की है और यह अन्य देशों को खाद्यान्न और कृषि उपकरण निर्यात कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत कृषि उत्पादन को और बढ़ा सकता है क्योंकि उसके पास कृषि अनुकूल जलवायु, कुशल जनशक्ति, उपजाऊ भूमि और नवीनतम तकनीक है।
उन्होंने कहा कि कृषि और किसानों की बेहतरी से ही देश 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य हासिल कर सकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मंगलवार से अपने गृह राज्य ओडिशा की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।