राज्य से होकर गुजरने वाली अधिकांश नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगा नदी पटना के गांधी घाट और हाथी दह में खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई है। नदी का जलस्तर भागलपुर के कहलगांव में भी लाल निशान से ऊपर दर्ज किया गया। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से कई नए इलाके बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पानी का दबाव बढ़ने से सबौर में एनएच-अस्सी पर बना डायवर्सन एक बार फिर बह गया है। इस डायवर्सन को एक दिन पहले ही ठीक कराया गया था। इसमें लगाया गया ह्यूम पाइप पानी के दबाव के कारण बाहर निकल गया। जिस कारण आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इधर, कहलगांव-पीरपैंती के तौफिल दियारा में पानी नए इलाकों में फैल रहा है।
वहीं, इस्माईलपुर-गोपालपुर में पानी का दबाव बढने के चलते चौदह नंबर रोड कटने का खतरा बढ़ गया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने बताया कि गंगा नदी के जलस्तर में आज भी वृद्धि जारी रहेगी लेकिन पानी की रफ्तार में आंशिक बढोतरी ही होगी।
इसके साथ ही घाघरा नदी सिवान के दरौली और गंगपुर सिसवन में लाल निशान से ऊपर बनी हुयी है। गंडक नदी का जलस्तर गोपालगंज के डुमरिया घाट में लाल निशान से चौंसठ सेंटीमीटर ऊपर रिकॉर्ड किया गया। जिले से होकर गुजरने वाली बूढ़ी गंडक और कोसी नदी उफान पर है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खगड़िया में खतरे के निशान से चार सेंटीमीटर, जबकि कोसी नदी का जलस्तर बलतारा में खतरे के निशान से ग्यारह सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया। नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से परबत्ता, गोगरी और खगड़िया प्रखंड के दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। इधर, कटिहार जिले में भी गंगा, महानंदा, कोसी और बरंडी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। कोसी नदी का जलस्तर कुर्सेला में लाल निशान से अट्ठासी सेंटीमीटर ऊपर रिकॉर्ड किया गया।