राज्य सरकार प्रिजर्वेशन ऑफ दून सिल्क हेरिटेज प्रोजेक्ट से प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी। इस परियोजना के जरिए आजीविका कार्यक्रम के तहत तैयार किए गए महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से रेशम की खेती, सोलर द्वारा संचालित मशीनों से रेशम धागे के उत्पादन और रेशम कोकून क्राफ्ट का काम किया जाएगा।
देहरादून में केंद्रीय रेशम बोर्ड एवं रेशम निदेशालय तथा ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस योजना से महिला काश्तकारों को स्वावलंबी बनने में मदद होगी, जिससे वे वार्षिक रूप से औसतन 50 हजार रुपये की आमदनी अर्जित कर पाएंगी।
इस योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में कुल 300 महिलाओं को लाभांवित करने का लक्ष्य है। योजना पर अगले चार सालों में छह करोड़ साठ लाख रुपए खर्च किये जांएगे।