राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पाचवें दिन आज पर्वतीय क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था और जंगली जानवरों के आतंक का मुद्दा गरमाया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नियम 58 के तहत चर्चा में शिक्षा व्यवस्था की खामियां गिनाईं। उन्होंने शिक्षकों की कमी, फर्जी नामांकन, और जर्जर भवनों का मुद्दा उठाया। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सरकार से शिक्षा सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की, जबकि कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने सरकारी स्कूलों के समीप निजी विद्यालयों को मान्यता दिए जाने पर आपत्ति जताई। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि राज्य में एक भी स्कूल बंद नहीं होगा और 2026 तक उत्तराखंड को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में 20 हजार 823 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 18 हजार 714 शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। धारचूला सहित अन्य क्षेत्रों में भी शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि खटीमा विधानसभा क्षेत्र में जंगली जनवरों का डर रहता है। कई बार मांग की गई है कि सोलर लाइट लगाई जाए। आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो इसका शिकार हुए उनको मुआवजा राशि नहीं मिली। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि जंगली जानवर से होने वाली मृत्यु पर पहले चार लाख दिए जाते थे, जिसको बढ़ाकर छह लाख किया गया है। उन्होंने बताया कि एक हजार से ज्यादा सोलर लाइट हॉटस्पॉट पर लगाई गई हैं। पिछले वर्ष 900 सोलर लाइट लगाई गई। लगातार सोलर लाइट लगाने में इजाफा हो रहा है।