राज्य में सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी और कटिहार समेत सोलह जिलों की बारह लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। कोसी, सीमांचल और पूर्वी हिस्सों में कई नए क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कोसी की बाढ़ से मधेपुरा और सहरसा जिले के आलमनगर चौसा, नवहट्टा और सलखुआ प्रखंड के कई गांव प्रभावित हैं। खगड़िया और मुजफ्फरपुर जिले के कई हिस्से कोसी, बागमती और गंडक नदियों की बाढ़ से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। करेह, बागमती और कमला नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि के कारण समस्तीपुर के बिथान प्रखंड में बाढ़ का पानी फैल गया है।
इस बीच, बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित सीतामढी और दरभंगा जिलों में राहत कार्य तेज करने के लिए विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। सीतामढी बेलसंड और रुनीसैदपुर तथा दरभंगा किरतपुर और गौरा बौराम समेत कई हिस्सों में लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव एम्बुलेंस भेजी जा रही हैं। बिगड़े हालात के चलते भारतीय वायुसेना कल से ही सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में जुट गई है। कृषि विभाग ने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर बाढ़ से हुई फसल क्षति का सर्वेक्षण कर आकलन करने को कहा है। पटना में गंगा नदी का जलस्तर हाथीदह में खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। वहीं, दीघा घाट पर भी नदी का जलस्तर लाल निशान की ओर बढ़ रहा है।