राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अब जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के कार्यक्षेत्र में निवेश की प्रगति और उनके प्रयासों को मॉनिटर किया जाएगा। प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आज लखनऊ में एक प्रेसवार्ता में कहा कि डीएम और कमिश्नर की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में उनके कार्यक्षेत्र में हुए निवेश और लोन संबंधी प्रगति का उल्लेख करना अनिवार्य होगा।
इसके आधार पर अधिकारियों को ग्रेडिंग दी जाएगी, जिससे उनकी परफॉर्मेंस का निष्पक्ष मूल्यांकन हो सकेगा। इस प्रक्रिया को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा।
पिछले लगभग साढ़े 7 साल में सरकार ने साढ़े 7,00,000 लोगों को सरकारी नौकरी दी है, लेकिन पूरे देश में जो वर्किंग एज पापुलेशन होती है उसकी मात्र 3ः लोग सरकारी नौकरी में है जो ग्लोबल यूनिवर्सिटी समिट सरकार ने आयोजित किया था। उसमें लगभग 40,00,000 करोड़ के निवेश आए हैं और उसमें डेढ़ करोड़ लोगों की नौकरी संभावित है और निहित है। इन निवेशकों को पूरी रफ्तार के साथ ग्राउंड में उतारा जाए।