राज्य में दूध व इससे बने उत्पादों में मिलावट रोकने के लिए राज्य और बाहर से आने वाले उत्पादों के परीक्षण के लिये संबंधित राज्यों के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के साथ संयुक्त अभियान चलाया जाएगा। सचिवालय में सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार पर राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने मिलावटखोरी में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई और न्यायालयों में मजबूत पैरवी पर जोर दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में खाद्य जांच ढांचा मजबूत किया जाए, टेस्टिंग लैब बढ़ाई जाएं और फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स को जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने मिड डे मील और आंगनवाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली राशन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा प्रयुक्त खाना पकाने के तेल को फूड चेन से बाहर करने के लिए मजबूत कलेक्शन व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।
सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि ‘सर्व सेफ फूड’ कार्यक्रम के तहत कुमाऊं क्षेत्र में एक हजार स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिनमें से 540 को रुद्रपुर और काशीपुर में प्रशिक्षण मिल चुका है। बाकी को चंपावत, रानीखेत, अल्मोड़ा और बागेश्वर में प्रशिक्षित किया जाएगा।