राज्य के लगभग सभी जिलों में बीते दो दिन से रुक-रुक कर वर्षा हो रही है। वर्षा के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में हुयी बारिश से किसानो की फसल को काफी लाभ पहुंचा है। मौसम विभाग ने प्रदेश के अधिकांश जिलों में अगले दो दिन तक रूक-रूक कर गरज-चमक के साथ वर्षा का पूर्वानुमान जताया है।
उधर कई नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी भी शुरू हो गयी है। वाराणसी में गंगा नदी के कई घाट जलमग्न हो गये हैं। वहां के जिला प्रशासन ने गंगा नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। पीलीभीत में बनबसा बैराज से एक लाख तैंतीस हजार क्यूसेक पानी छोडे़ जाने से शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नेपाल की काली नदी और शारदा की सहायक नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बनबसा बैराज से अगले एक से दो दिन में ढाई से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की चेतावनी जारी करते हुए जिला प्रशासन ने तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क किया है। उधर, बस्ती जिले में घाघरा नदी के कटान से सदर तहसील के एक दर्जन गांवों पर अस्तीत्व का खतरा मंडराने लगा है। कटान तेजी से बढ़ने के कारण आसपास के लोग मकानों को तोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं।