दिसम्बर 8, 2025 7:37 अपराह्न

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संसद में स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक-2025 पारित

संसद ने स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक-2025 पारित कर दिया है। राज्यसभा ने आज इसे पारित कर लोकसभा को वापस भेज दिया है। विधेयक में पान मसाला और केंद्र सरकार से अधिसूचित किसी भी अन्य वस्तु के उत्पादन पर उपकर लगाने का प्रस्ताव है। उपकर से प्राप्त राशि का उपयोग जन स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर व्यय किया जाएगा।

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने राज्‍यसभा में विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि यह उपकर नागरिकों के स्वास्थ्य और देश की सैन्य तैयारियों को मजबूत करने के लिए एक व्‍यवस्‍था प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह उपकर केवल हानिकारक वस्तुओं पर लगाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, इसीलिए उपकर से प्राप्त राजस्व राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।

 

कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि गुटखा और पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल उपकर लगाने से इस स्वास्थ्य संबंधी समस्‍या का समाधान नहीं होगा।

 

तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने कहा कि कराधान का अधिकार पूरी तरह से संसद के अधिकार क्षेत्र में है।

 

शिवसेना के मिलिंद मुरली देवड़ा ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं के सेवन के कई नुकसान हैं।

 

भारतीय जनता पार्टी की कविता पाटीदार ने कहा कि प्रत्‍येक वर्ष लगभग 13 लाख पचास हजार से अधिक लोगों की तंबाकू से संबंधित बीमारियों और कैंसर के कारण मौत हो जाती है। उन्‍होंने कहा कि  इससे सरकार पर एक लाख 77 हजार करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय बोझ पड़ता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह विधेयक तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करेगा।

 

बीजू जनता दल की सुलता देव, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड मुनेत्र कझगम के एम. थंबीदुरई, मार्क्‍सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के जॉन ब्रिटास सहित अन्य सदस्‍यों ने भी चर्चा में भाग लिया।

 

विधेयक का समर्थन करते हुए, तेलगू देशम पार्टी के मस्तन राव यादव बीधा ने कहा कि इस कानून से एकत्रित उपकर का उपयोग विशेष रूप से युवाओं में जानलेवा बीमारियों को रोकने के लिए किया जाएगा।

 

चर्चा के बाद, सदन में विशेष उल्लेख पर चर्चा हुई। इसमें सांसदों ने लोक महत्व के मुद्दे उठाए। बाद में सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।