दिसम्बर 17, 2025 10:21 अपराह्न

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राज्यसभा से पारित हुआ सबका बीमा सबकी रक्षा विधेयक 2025

राज्यसभा ने सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानूनों में संशोधन), विधेयक 2025 पारित कर दिया है। लोकसभा ने इसे कल ही पारित कर दिया था। विधेयक में बीमा अधिनियम 1938, जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 में संशोधन का प्रस्‍ताव है। इस विधेयक में भारतीय बीमा कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। पुनर्बीमा कारोबार में लगी विदेशी कंपनियों के लिए शुद्ध स्वामित्व निधि की सीमा  पांच हजार करोड़ रुपये से घटाकर एक हजार करोड़ रुपये करने का प्रावधान है। विधेयक में बीमा सहकारी समिति की परिभाषा में संशोधन किया गया है। इसके तहत जीवन, सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कारोबार के लिए न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की चुकता शेयर पूंजी की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।

इस विधेयक का उद्देश्य बीमा क्षेत्र के विकास को गति देना और पॉलिसी- धारकों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत बीमा कंपनियों के लिए व्यापार करने में सुगमता, नियमन में पारदर्शिता और इस क्षेत्र पर नियामक निगरानी बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने सदन में यह विधेयक पेश किया। चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल ने सरकार पर विधेयक को जल्दबाजी में पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रगति के खिलाफ कभी नहीं रही है और उनकी पार्टी जनता के हितों को सर्वोपरि रखती है। विधेयक का विरोध करते हुए श्री गोहिल ने कहा कि उनकी पार्टी निजी कंपनियों को लाभ दिये जाने को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती।

 भाजपा के अरुण सिंह ने कहा कि विधेयक में हर व्यक्ति के लिए बीमा सुविधा पर ध्‍यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से बीमा कंपनियों की कार्यकुशलता और प्रदर्शन में वृद्धि होगी। तृण मूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने कहा कि विधेयक केवल पूंजी को मजबूत करता है, जबकि जवाबदेही को कमजोर करता है और पॉलिसीधारकों को असुरक्षित छोड़ देता है।