राज्यसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा आज सम्पन्न हो गई। इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन- इवीएम का इस्तेमाल चुनाव में पहले भी हुआ है और ऐसा प्रमाण नहीं है कि उसके साथ छेडछाड़ संभव है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने इवीएम के साथ किसी गड़बड़ी को साबित करने की खुली चुनौती दी थी लेकिन कोई भी आगे नही आया। श्री पटेल ने कहा कि मताधिकार जनता, देश और लोकतंत्र की शक्ति है।
तृणमूल कांग्रेस के डेरिक ओ ब्रायन ने कहा कि गृहमंत्री ने कहा था कि मतदाता सूची संशोधन का उद्देश्य अपात्र मतदाताओं का पता लगाना, हटाना और निर्वासित करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर का वास्तविक उद्देश्य बांटना, ध्यान भटकाना और हराना है।
सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण निर्वाचन आयोग की संवैधानिक अधिकारों के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि यह आयोग का दायित्व है कि वह समय-समय पर मतदाता सूची में शुद्धि और सुधार करे। उन्होंने कहा कि संविधान में यह निहित है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से न हटे और कोई भी अपात्र मतदाता सूची में न रहे। श्री नड्डा ने कहा कि निर्वाचन आयोग और सर्वोच्च न्यायालय जैसी संवैधानिक संस्थाएं देश के लोकतंत्र का स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ये संस्थाएं मजबूत होंगी, लोकतंत्र की जड़े और गहरी होंगी।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एसआईआर के खिलाफ कांग्रेस का अभियान असफल हो गया है, और बिहार चुनाव ने इसे साबित किया है। श्री नड्डा के संबोधन के बाद चर्चा समाप्त हो गई।
बहुजन समाज पार्टी के रामजी, शिवसेना उद्धव ठाकरे की प्रियंका चतुर्वेदी सहित कई सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।