राज्यपालों का दो दिन का सम्मेलन कल शनिवार को राष्ट्रपति भवन में संपन्न हुआ। समापन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राज्यों के समावेशी और निरंतर विकास पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है और सभी राज्यों को एक-दूसरे की सर्वोत्तम कार्यशैली तथा अनुभवों से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए।
राष्ट्रपति ने सम्मेलन में एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने की भावना से की गई व्यापक चर्चा के लिए राज्यपालों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राजभवनों का माहौल भारतीय जीवन-शैली के अनुरूप होना चाहिए और राज्यपालों को आम लोगों के साथ जुडने के प्रयासों को तेज करना चाहिए।
इस अवसर पर उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्यपालों को अपने राज्य सरकार के साथ लगातार संवाद बनाए रखना चाहिए। सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यपालों से अपील की कि वे राजभवनों में शासन का आदर्श मॉडल विकसित करें।
इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका भी शामिल हुए। इस मौके पर राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों के आकांक्षी जिलों, ब्लॉक, और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में जनजातीय विकास के लिए शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने विशेष रूप से बीजापुर जिले के माओवादी गतिविधियों से प्रभावित ग्राम मुड़ावेडी का उल्लेख किया, जहां सड़कों का विस्तार किया गया और प्रशासन द्वारा सुरक्षा बढ़ाई गई। इसके बाद भी वहां के वंचित बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।