राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से भीषण गर्मी से मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा देने को कहा है। न्यायालय ने कहा है कि भीषण गर्मी और शीत लहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की जरूरत है। पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के बारे में स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव को राज्य जलवायु परिवर्तन परियोजना के अन्तर्गत भीषण गर्मी कार्य योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए विभिन्न विभागों की समितियां बनाने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांढ की पीठ ने राज्य प्रशासन को अधिक आवाजाही वाली सडकों पर पानी की बौछार करने, यातायात सिग्नल पर शेड लगाने तथा भीषण गर्मी के मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी सम्भव सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त खुले में काम करने वालों को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक विश्राम करने की अनुमति देने का परामर्श जारी करने को भी कहा गया है।