राजस्थान के राजकीय और निजी अस्पतालों में अब मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण में प्रत्येक प्रत्यारोपण के लिए डोनर और रिसीवर की यूनिक नोटो-आईडी जनरेट की जाएगी। इसके बिना प्रत्यारोपण संभव नहीं होगा। स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया है। मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण राजस्थान की प्राधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता ने इस संबंध में मानव अंगों के प्रत्यारोपण के लिए अधिकृत राजकीय अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों और निजी अस्पतालों के प्रबंध निदेशकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
दिशा-निर्देशों के अनुसार जीवित या मृतक दोनों ही डोनर के अंगों का आवंटन करने के लिए यूनिक आईडी जनरेट करना अनिवार्य होगा। यह आईडी प्रत्यारोपण सर्जरी के 48 घंटों के भीतर जनरेट करनी होगी। इन दिशा निर्देशों की 2 दिन में पालना सुनिश्चित कराने को कहा गया है। यह दिशा निर्देश जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर समेत 15 अस्पतालों को जारी किये हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पिछले दिनों जयपुर में पैसे लेकर फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कुछ अस्पतालों की लापरवाही भी सामने आये थी। इसके बाद से चिकित्सा विभाग की ओर से मामले की जांच और मानव अंग प्रत्यारोपण के मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लगातार कार्यवाही की जा रही है।