अक्टूबर 8, 2024 7:21 अपराह्न

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राजभवन में आयोजित वन्य जीव सप्ताह का समापन

 

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा है कि आने वाली पीढ़ियों के हितों को ध्यान में रखकर प्राकृतिक सम्पदा की सुरक्षा में योगदान देना हर व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने वन्य जीवों के प्रति प्रेम और सद्भाव का भाव रखकर पर्यावरण को स्वच्छ व हरा-भरा बनाते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ाने पर जोर दिया। राज्यपाल आज राजभवन में वन विभाग की ओर से आयोजित वन्य जीव सप्ताह के समापन सत्र को संबाधित कर रहे थे। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की विशिष्ट भौगोलिक स्थलाकृति और जलवायु विविधता के कारण यहां कई प्रकार के वन और वन्य जीव पाए जाते हैं, जिस कारण देश-विदेश के लाखों पर्यावरण और वन्य जीव प्रेमी वर्ष भर यहां आते रहते हैं।
 
राज्यपाल ने कहा कि जंगलों और वन्य जीवों के संरक्षण, संवर्धन तथा पोषण की जिम्मेदारी हम सभी की है। राज्यपाल ने इस बात पर खुशी जताई कि राज्य में वन्यजीव संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों से बाघ, हाथियों और हिम तेंदुओं की संख्या में लगातार बढोतरी हो रही है। इस अवसर पर प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश में वन विभाग के कुशल अधिकारियों के नेतृत्व में प्रदेश में मानव और वन्य जीव सह अस्तित्व की दिशा में उचित कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही हिम तेंदुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए उत्तरकाशी में एक विशेष केंद्र की स्थापना का कार्य भी गतिमान है। इस अवसर पर मानव और वन्य जीव संघर्ष के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन सेवा के अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया।