रक्षा मंत्रालय ने मीडिया की उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया गया था कि राजनीतिक या वैचारिक संबद्धता पर आधारित संस्थानों को नए सैनिक स्कूल आवंटित किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे समाचार निराधार हैं। सैनिक स्कूलों की स्थापना 1960 के दशक में ‘सैनिक स्कूल सोसायटी’ के तहत की गई थी।
मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों की महत्वपूर्ण सफलता को देखते हुए देश में अतिरिक्त सैनिक स्कूलों की लगातार मांग की जा रही है।रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहले चरण में देशभर के युवाओं को सैनिक स्कूल के पैटर्न की शिक्षा का लाभ उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने देशभर में सौ स्कूल स्थापित करने की योजना शुरू की।
नए सैनिक स्कूलों की योजना पूरी तरह विचार-विमर्श और कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद बनाई गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस योजना के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए निरंतर कार्य किया जाए और पात्र विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए।
मंत्रालय ने कहा कि चयन प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किसी राजनीतिक या वैचारिक संबद्धता का ध्यान नहीं रखा जाता।