रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) रक्षा मंत्रियों की बैठक में उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। ये बैठक कल से चीन के चिंगदाओ में शुरू होगी।
दो दिवसीय बैठक के दौरान एससीओ के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकरोधी प्रयासों और अपने रक्षा मंत्रालयों के बीच बढ़ते सहयोग जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है।
श्री सिंह की इस दौरान एससीओ के सिद्धांतों और जनादेश के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करने की संभावना है। वह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के भारत के दृष्टिकोण का भी उल्लेख करेंगे और क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद को खत्म करने के संयुक्त प्रयास करने का आह्वान करेंगे।
रक्षामंत्री बैठक से अलग चीन और रूस जैसे कई प्रतिभागी देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी करेंगे।
शंघाई सहयोग संगठन 2001 में स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है। भारत 2017 में इसका पूर्ण सदस्य बना। कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस भी इसके सदस्य हैं।
चीन इस वर्ष एससीओ बैठक की अध्यक्षता कर रहा है। इसका विषय है “शंघाई दृष्टिकोण के साथ एससीओ की प्रगति।” भारत बहुपक्षवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और लोगों के बीच आपसी जुड़ाव को मजबूत करने के लिए एक मंच के रूप में एससीओ को उच्च महत्व देता है।