रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बल देकर कहा है कि सरकार एक सशक्त रक्षा औद्योगिक तंत्र के निर्माण के लिए सुधारात्मक नीति बना रही है। इसका उद्देश्य आत्मनिर्भर और प्रौद्योगिकी स्तर पर सहयोग को बढ़ावा देना है। एयरो इंडिया 2025 से पहले नई दिल्ली में राजदूतों के साथ गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा और वायु क्षेत्रों में राष्ट्र की प्रगति का उल्लेख करते हुए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के सफलतापूर्वक विकास पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि भारत उन चुनिंदा राष्ट्रों में शामिल हैं जो लड़ाकू विमान, परमाणु पनडुब्बी, विशेष प्रकार के युद्धक टैंक और अंतर द्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के निर्माण और उत्पादन में शामिल है। उनका यह भी कहना था कि सी-295 विमान विनिर्माण की सुविधा उपलब्ध है। इससे रक्षा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए देश की प्रतिबद्धता का पता चलता है। श्री सिंह ने कहा कि जो विदेशी कंपनियां भारत में कारोबार शुरू करना और भागीदार बनना चाहती हैंं, उनके लिए वायु क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र में अनेक अवसर उपलब्ध हैं।
देश में प्रगतिशील वैश्विक सुरक्षित वातावरण का उल्लेख करते हुए श्री सिंह ने शांति और खुशहाली के लिए सामूहिक कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देशों को भौगोलिक तनाव दूर करने और आर्थिक तथा प्रौद्योगिक से लाभान्वित होने के लिए मिलजुल कर काम करने की जरूरत है।