रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका स्वाभाविक सहयोगी हैं और साथ मिलकर वे दुनिया में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं। वाशिंगटन डीसी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका का मजबूत साझेदार बनना तय है और यह सहयोग बढ़ रहा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए, श्री सिंह ने कहा कि देश 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रक्षा निर्यात के बारे में, मंत्री ने कहा कि वे अब 21 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं। यात्रा के दौरान, भारत और अमेरिका ने आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा (एसओएसए) दस्तावेज़ और संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एसओएसए पर हस्ताक्षर के साथ, भारत और अमेरिका राष्ट्रीय रक्षा को बढ़ावा देने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लिए प्राथमिकता समर्थन प्रदान करने पर सहमत हुए हैं। यह व्यवस्था दोनों देशों को अप्रत्याशित आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों को हल करने और राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे से आवश्यक औद्योगिक संसाधन प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी। एसओएसए अमेरिकी रक्षा व्यापार भागीदारों के साथ अंतरसंचालनीयता को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र है। भारत अमेरिका का अठारहवाँ SOSA भागीदार है।
श्री सिंह अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात करेंगे। रक्षा मंत्री अमेरिकी रक्षा उद्योग के साथ चल रहे और भविष्य के रक्षा सहयोग पर एक उच्च स्तरीय गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करेंगे। रक्षा मंत्री संयुक्त राज्य अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर कल शाम वाशिंगटन पहुंचे।