रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा स्थितियों का आकलन करने के लिए आज सियाचिन का दौरा किया। उन्होंने यहां विपरीत मौसम और दुर्गम इलाके में तैनात सैनिकों से बातचीत की।
रक्षा मंत्री ने विषम परिस्थितियों में मातृभूमि की रक्षा में जुटे सैनिकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सशस्त्र बलों के जवानों का सदैव ऋणी रहेगा, क्योंकि उनके बलिदान के कारण ही देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करता है। उन्होंने कहा कि जवानों का योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेगा।
सियाचिन को भारत की संप्रभुता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह स्थान साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने इस अवसर पर ऑपरेशन मेघदूत की सफलता को याद करते हुए कहा कि यह देश के सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन मेघदूत की सफलता सभी के लिए गर्व की बात है। 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना द्वारा सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत शुरू किया गया था।
श्री सिंह ने सियाचिन युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र भी चढाया। इस अवसर पर उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने रक्षा मंत्री को सियाचिन ग्लेशियर में सेना की तैयारियों और सुरक्षा स्थितियों की विस्तृत जानकारी दी ।