रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने इस बात पर जोर दिया है कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी रक्षा क्षमताएं स्थायी शांति की नींव हैं। जनरल चौहान आज नई दिल्ली में आयोजित रक्षा भागीदारी दिवस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जनरल चौहान ने कहा कि भारत के सुरक्षा परिदृश्य को रक्षा क्षेत्र में मजबूत और आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों और पहलों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने निजी उद्योग, संयुक्त उद्यमों और प्रत्यक्ष विदेशी निेवेश के लिए सुधारों के माध्यम से अपने रक्षा उद्योग को खोल दिया है। उन्होंने ‘4आई’ को अपनाने पर भी जोर दिया जो अभिनव, आविष्कारशील, स्वदेशी और कल्पनाशील हैं। उन्होंने अंतरिक्ष, एआई, क्वांटम और स्वायत्त प्रणालियों जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में रक्षा नीतियों के निर्माण का भी सुझाव दिया जो उद्योग को दिशा देते हैं कि सेना भविष्य को कैसे देखती है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी एवं खरीद से संबंधित 200 से अधिक कंपनियां और रक्षा मंत्रालय तथा सशस्त्र बलों के 100 अधिकारी भाग ले रहे हैं।