रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में निर्मित ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि ब्रह्मोस केवल एक मिसाइल नहीं है, बल्कि यह देश की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस में एक पारंपरिक वारहेड, एक उन्नत निर्देशित प्रणाली है और यह सुपरसोनिक गति से लंबी दूरी तक वार कर सकती है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गति, सटीकता और शक्ति का संयोजन- ब्रह्मोस को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों में से एक बनाता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश के दुश्मन अब ब्रह्मोस से बच नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसे मुकाम पर खड़ा है जहाँ वह अपनी सुरक्षा को मज़बूत कर रहा है और दुनिया को दिखा रहा है कि वह रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ब्रह्मोस जैसी उपलब्धियों ने साबित कर दिया है कि मेड-इन-इंडिया अब एक नारा नहीं, बल्कि एक वैश्विक ब्रांड है। श्री सिंह ने बताया कि ब्रह्मोस टीम ने पिछले एक महीने में दो देशों के साथ लगभग चार हजार करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मोस को आत्मनिर्भरता की मिसाइल बताया, जो देश की रक्षा आवश्यकताओं को पूरा कर रही है।
ब्रह्मोस सुविधा उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। यह उच्चतम तकनीकी मानकों के अनुसार संयोजन, एकीकरण और परीक्षण की पूरी प्रक्रिया को अंजाम देती है। अपनी पहली मिसाइल खेप के प्रेषण के साथ, उत्तर प्रदेश ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल में एक प्रमुख राष्ट्रीय भागीदार के रूप में उभरा है।
लखनऊ इकाई इस गलियारे में पहली इकाई है जो संपूर्ण विनिर्माण और परीक्षण प्रक्रिया को स्वदेशी रूप से प्रबंधित करती है।
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने बूस्टर भवन का उद्घाटन किया और बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन देखा।