रक्षाबंधन का त्यौहार आगामी 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इसी के मद्देनजर राज्य के बाज़ार राखियों से सज गए हैं। त्यौहार को लेकर पहाड़ से लेकर मैदान तक के बाजारों में रौनक है। राजधानी देहरादून में रंग-बिरंगी राखियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस बार लोगों में रक्षा बंधन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। भाई-बहन के इस पर्व के लिए बहनें अभी से ही अपने बाहर रहने वाले भाइयों के लिए राखी खरीद कर भेज रही है। राखियां भेजने के लिए डाकखाने में लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। उधर, राज्य के पर्वतीय जिलों में महिलाएं पिरूल की राखियां तैयार कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। इस बार के रक्षाबंधन की डोर भाई-बहन के स्नेह के साथ ही पर्यावरण के प्रति प्रेम का भी प्रदर्शन करेगी। चीड़ के पेड़ की पत्तियों- पिरूल से बनाई जा रही राखियां पर्यावरण के प्रति संजीदगी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में स्वरोजगार की प्रवृत्ति भी बढ़ाएंगी। इन दिनों राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं पिरूल से खास तरह की सुंदर राखी तैयार कर रही हैं। स्थानीय बाजार के साथ ही अन्य राज्यों में भी पिरूल की राखियां बेचने के लिए सरकारी स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। राखियां तैयार करने वाली महिलाएं बताती हैं कि उनकी राखियों की मांग दिल्ली के बाजारों में भी है। महिलाओं का कहना है कि पिरुल के कारण जंगलों में आग तेजी से भड़क जाती है, जिससे वन संपदा को भारी नुकसान होता है। उनका कहना है कि वे पिरूल से राखियां तैयार कर पर्यावरण संरक्षण करने के साथ ही आत्मनिर्भर भी बन रही हैं। राखी तैयार कर रही मंजूला बताती है कि उन्हें पिरूल की राखियों से अच्छी आमदनी हो रही है। उन्होंने सभी भाई-बहनों से इस वर्ष हस्तनिर्मित राखियों का उपयोग करने का आह्वान किया है।
Site Admin | अगस्त 16, 2024 3:33 अपराह्न
रक्षाबंधन पर राखियों से सजे प्रदेश के बाजार, 19 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन