प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया है कि संसद का बजट सत्र 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में नया आत्मविश्वास और ऊर्जा भरेगा। संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2047 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के सौ वर्ष पूरे करेगा, तब देश, विकसित भारत के अपने संकल्प को पूरा करेगा।
उन्होंने कहा कि जनता ने उनकी सरकार को तीसरी बार देश चलाने की जिम्मेदारी दी है और यह इस कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा। श्री मोदी ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमेशा की तरह इस सत्र में भी कई ऐतिहासिक दिन होंगे और सदन में कई चर्चाएं होंगी। श्री मोदी ने कहा कि व्यापक मंथन के साथ ऐसे कानून बनाए जाएंगे जो देश की ताकत बढ़ाने का काम करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति के गौरव को पुनः स्थापित करने, जाति-पाति के भेद से मुक्त होकर प्रत्येक महिला को सम्मानजनक जीवन तथा समान अधिकार दिलाने के लिए इस सत्र में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
सुधार, कार्य निष्पादन और परिवर्तन के बारे में श्री मोदी ने कहा कि जब विकास की गति को प्राप्त करना हो तो सबसे अधिक जोर सुधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने संसद के सभी सदस्यों से देश को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने की अपील भी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में यह पहली बार हुआ है कि संसद सत्र से पहले भारत के बाहर से अशांति या विवाद पैदा करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से ही सत्र से ठीक पहले बाहरी तत्वों द्वारा विवाद या अशांति पैदा करने का प्रयास किया जाता रहा है।