अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम-यू ए पी ए के तहत गठित अधिकरण ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) और तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू और कश्मीर पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले की आज पुष्टि कर दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सचिन दत्ता इस न्यायाधिकरण के एकमात्र सदस्य थे। न्यायाधिकरण को इन गुटों पर प्रतिबंध लगाने के पर्याप्त कारणों का आकलन करना था।
केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के कारण दोनों गुटों को पिछले वर्ष दिसंबर में यू.ए.पी.ए. के तहत पांच साल के लिए गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था।