मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में असम मंत्रिमंडल ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी है। इनमें मानव-हाथी संघर्षों से निपटने, स्वास्थ्य रक्षा सेवा नियमों में सुधार और छात्रों व पारंपरिक श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं।
सरकार बढ़ते मानव-हाथी संघर्षों को कम करने के लिए आठ उच्च जोखिम वाले जिलों गोलपारा, उदलगुरी, नगांव, बक्सा, सोनितपुर, गोलाघाट, जोरहाट और बिश्वनाथ में गज मित्र योजना लागू करेगी। अधिक संघर्ष वाले 80 गाँवों में समुदाय आधारित त्वरित प्रतिक्रिया दलों का गठन किया जाएगा। हरेक दल में आठ स्थानीय सदस्य होंगे।
ये दल ज्यादा संघर्ष के महीनों के दौरान, धान की खेती के साथ-साथ हाथियों के सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने और आजीविका की रक्षा के लिए काम करेंगे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि ग्राम प्रधानों का मासिक पारिश्रमिक 1 अक्टूबर, 2025 से 9 हजार रुपये से बढ़ाकर चौदह हजार रुपये कर दिया गया है, जो उनकी बढ़ी हुई ज़िम्मेदारियों को दर्शाता है।
इस बीच, असम में शरण वैष्णव परंपरा से जुडे विशेष संस्थागत केन्द्र सत्रों को सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण के सम्मान में 1 हजार 500 रुपये का मासिक वजीफा मिलेगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 1 हजार 500 और सहायिकाओं को 750 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे, जिससे आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की मासिक आय बढ़कर आठ हजार और सहायिकाओं की मासिक आय चार हजार रुपये हो जाएगी।
एक नई मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, निजी अस्पतालों को मृत्यु प्रमाणपत्र मिलने के दो घंटे के भीतर मृतक के शव सौंपने होंगे और देरी करने पर जुर्माना भी देना होगा। जबरन की गई शिकायतों के समाधान के लिए हेल्पलाइन नम्बर 104 चौबीस घंटे काम करेगी।
इसके अतिरिक्त 2026 की एचएसएलसी परीक्षा में बैठने वाले दसवीं कक्षा के छात्रों को प्रेरणा आसोनी योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण-डीबीटी के माध्यम से हर महीने 300 रुपये दिए जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वदेशी कांसा निर्माताओं को एक नई योजना के तहत राज्य-वस्तु एवं सेवा कर-एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति मिलेगी।