मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी एक जुलाई से लागू होने जा रही नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में कल बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन व्यवस्था के अनुसार, इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 स्थापित होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि समाप्त किए गए तीनों कानूनों का उद्देश्य दंड देने का था न कि न्याय देने का, जबकि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा वाला है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि तीनों नए कानून के लागू होने से पहले इनसे संबंधित राज्य स्तरीय अधिनियम, नियमावली, एसओपी, शासनादेशों में संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है। इसके दृष्टिगत आवश्यक तकनीकी बदलाव तत्काल किए जाएं। सभी 75 जिलों में फॉरेंसिक लैब स्थापित कराएं। कोर्ट में पेशी के लिए हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए।
Site Admin | जून 8, 2024 8:40 अपराह्न
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 जुलाई से लागू होने जा रही नयी आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में बैठक की