मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण कम करने के लिए प्रदेश सरकार कई ठोस कदम उठा रही है। श्री योगी ने आज लखनऊ में एक समाचार पत्र समूह की तरफ से आयोजित ‘ग्रीन भारत समिट’ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदूषण करने और पर्यावरण संरक्षण के लिये सरकार द्वारा किये जा रहे उपाय काफी नहीं है, बल्कि समाज, संस्थान और आम लोगों की सहभागिता भी इस अभियान में जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, जैसे पहले पेट्रोल पम्प स्थापित होते थे। ऐसे ही चार्जिंग स्टेशन स्थापित हो रहे हैं। एक बस पर प्रदेश सरकार बीस लाख रूपये तक की इंसेंटिव भी प्रदान कर रही है जिससे प्रधानमंत्री जी का जो विजन है कि दो हज़ार सत्तर तक नेट जीरो के लक्ष्य को हम प्राप्त कर सके। कार्बन उत्सर्जन को जीरो स्थिति में पहुंच करके इस धरती माता को हम लोग जीव सृष्टि के रहने लायक बना सकें। इसको गैस चैंबर बनने से रोक सके। लेकिन यह कार्य केवल सरकार के भरोसे नहीं होगा। समाज को जोड़ना पड़ेगा, संस्थानों को जोड़ना पड़ेगा। समाज के जागरूक लोगों को भी इसके प्रति आम जन की सहभागिता के साथ इसको आगे बढ़ाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने रिन्यूबल, ग्रीन एनर्जी और कांप्रेस्ड बायोगैस की अलग-अलग पॉलिसी तैयार की है। इसी क्रम में प्रदेश में कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र लगाये गये हैं और प्लांट लगाने का यह सिलसिला जारी है।