मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल शिक्षक दिवस पर गोरखपुर में आयोजित समारोह के दौरान बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार विजेता शिक्षकों को 25 हजार रूपये का चेक और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक शिक्षक समाज और राष्ट्र का निर्माता होता है।
शिक्षक बनने के लिये निरन्तर अभ्यास करना पड़ता है और अपने ज्ञान से दूसरे को ज्ञानवान बनाना होता है। इसीलिये शिक्षक की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने शिक्षकों से ट्रेड यूनियन का हिस्सा न बनने का आह्वान किया।
एक शिक्षक ट्रेड यूूनियन का पार्ट नहीं हो सकता, नही बनना चाहिए। यह शिक्षक की गरिमा के प्रतिकूल है और मुझे लगता है जब भी आप अपने आपको ट्रेड यूनियन बनाने का प्रयास करेेंगे। आप अपने स्वंय के साथ खिलवाड़ करेंगे।
अपनी मांग को रखना लोक तांत्रिक तरिके से अपनी मांग को ज्ञापन के माध्यम से भेज सकते हैं। आज तो डीजिटल माध्यम है आप सीधे इसके लिए मेल करिए डिजिटल माध्यम से मैसेज के लिए आप अपना ज्ञापन समय आने पर दो-चार-पांच लोगों को भेज करके मुख्यमंत्री के पास, संबंधति विभाग के मंत्री के पास, संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव के पास, सचिव के पास , आप लोगों का ज्ञापन आदेश होगा।
शिक्षक दिवस पर कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में 82 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार पाने वालों में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय भगेसर के रविकांत द्विवेदी और प्रतापगढ़ के मान्धाता ब्लॉक स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय मल्हूपुर के श्याम प्रकाश मौर्य शामिल हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षकों ने विद्यार्थियों में अध्ययन के प्रति रूचि बढ़ाने में अद्भुत प्रयास किये हैं। उन्होंने पढ़ाने के नये-नये तरीके निकालने के साथ ही तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया है।
चयनित शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के रूप में 50-50 हजार रुपए नकद, चांदी का मेडल और प्रमाण-पत्र दिया गया। राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले प्रतापगढ़ के मल्हौरपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक श्याम प्रकाश मौर्य परिषदीय बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए पढ़ाते हैं। वहीं मिर्जापुर के भगेसर स्थित प्राथमिक विद्यालय के रविकांत द्विवेदी द्वारा बनाया गया गणित का बगीचा काफी चर्चित है।