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अगस्त 9, 2024 3:49 अपराह्न

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से की मलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से मलाकात कर राज्य की लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अलकनंदा और भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 50 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य वाली परियोजनाओं को शुरू किये जाने की अनुमति देने का केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया। साथ ही प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित परियोजनाओं के निर्माण की भी अनुमति दिये जाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है और जल विद्युत परियोजनायें राज्य की सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि का मुख्य कारक हैं।उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की विद्युत ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए खुले बाजार से हर साल 1000 करोड़ रुपये की ऊर्जा खरीदी जाती है। राज्य में उपलब्ध जल स्रोतों से लगभग 25 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता का आंकलन किया गया है, लेकिन वर्तमान में केवल 4200 मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिवकी अध्यक्षता में हुई समीक्षा में अलकनंदा और भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 70 परियोजनाओं में से केवल 7 परियोजनाओं, जिनका निर्माण कार्य 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है, उनका निर्माण जारी रखने व कोई भी नई परियोजना प्रारंभ न किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड की सीमा में गंगा और उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय जल आयोग/जल संसाधन मंत्रालय द्वारा राज्य की अन्य नदी घाटियों जैसे-धौलीगंगा, गौरीगंगा पर पिथौरागढ़ जिले में प्रस्तावित परियोजनाओं के विकास के लिए भी अनुमोदन प्रदान नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने राज्य की अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास और निर्माण की अनुमति देने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री ने जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत वित्त पोषण की स्वीकृति देने का भी अनुरोध किया।

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