मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार में आयोजित 62वें अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव के समापन समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि सृष्टि के रहस्यों को जानने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। वेद, उपनिषद, और पुराणों में जीवन के भौतिक और आध्यात्मिक पहलुओं का संतुलन बताया गया है, जो इसे अन्य ज्ञान परंपराओं से श्रेष्ठ बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय गणितज्ञों ने शून्य और दशमलव जैसी अवधारणाएं विकसित की, जिन पर आज का आधुनिक विज्ञान टिका हुआ है। उन्होंने युवा पीढ़ी को इन अद्वितीय अवधारणाओं से अवगत कराने के महत्व पर जोर देते हुए शास्त्रोत्सव जैसे आयोजनों को इस दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से प्राचीन संस्कृति और ज्ञान को संरक्षित करने के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने विद्वानजनों से अनुरोध किया कि वे वेदों और उपनिषदों को सरलता से समझाने के तरीके पर विचार करें, ताकि आने वाली पीढ़ी इन्हें समझ सके।