मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को देहरा विधानसभा क्षेत्र के त्रिपल, दरकाटा, डोहग पलोटी, नौशहरा, पाईसा, सियोटी खुर्द, मयोली, बनखंडी, शेर लोहारा और घेड़ मानगढ़ में नुक्कड़ सभाएं की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी और अपनी धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर के लिए देहरा में धुआँधार प्रचार किया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि देहरा की समस्याओं का समाधान अब मेरा दायित्व है क्योंकि देहरा अब मुख्यमंत्री का चुनाव क्षेत्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण वह अभी कोई घोषणा नहीं करेंगे, लेकिन आने वाले समय में देहरा की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता आए दिन तरह तरह के बयान दे रहे हैं, जबकि यह उपचुनाव प्रदेश की जनता पर भाजपा ने ही थोपे हैं। निर्दलीय विधायकों और कांग्रेस के छह विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर चुनी हुई कांग्रेस सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और अन्य भाजपा नेता बार-बार चार जून को हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने का दावा करते रहे, लेकिन पिछले उपचुनाव में प्रदेश की जनता ने बिकने वाले विधायकों को कड़ा सबक़ सिखाया है और विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 34 से बढ़कर 38 हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी निर्दलीय विधायक ऐसे ही अपना विधायक पद नहीं छोड़ता। पैसे का गुरूर होशियार सिंह के सिर चढ़कर बोल रहा है। भाजपा के साथ हुई डील के चलते पूर्व विधायक होशियार सिंह ने इस्तीफ़ा दिया और डील की दूसरी किश्त प्राप्त करने के लिए इस्तीफ़ा मंज़ूर करने का दबाव बनाया। भारत के इतिहास में पहली बार कोई निर्दलीय विधायक अपना इस्तीफ़ा स्वीकार करने के लिए धरने पर बैठा और हाई कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया। उन्होंने कहा कि दूसरी केस के धन पर सरकार की पूरी नज़र है। उन्होंने कहा कि बिके हुए विधायक पैसा लेकर वोट ख़रीदने के लिए आएंगे, जनता उनसे डबल धन ले लेकिन वोट कांग्रेस के पक्ष में ही डालें क्योंकि यह आपका ही पैसा है। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक के तौर पर अपना पद छोड़ने के बाद अब साढ़े तीन साल के लिए दोबारा विधायक बनने को वोट माँगने के लिए आ रहे हैं। धन के अहंकार में आकर उन्होंने अपना विधायक पद को छोड़ा है क्योंकि उन्हें लगता है कि देहरा की जनता मेरी जेब में है। उन्होंने कहा कि होशियार सिंह को टिकट देने से भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ता भी नाराज़ हैं।