मुंबई में दो दिवसीय फिबैक बैंकिंग सम्मेलन का आज उद्घाटन हुआ। इसका विषय है नए आयाम स्थापित करना। यह सम्मेलन 25 और 26 अगस्त को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर आरबीआई गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व अर्थव्यवस्था लगातार व्यापार विवादों, अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनावों से घिरे एक चुनौतीपूर्ण दौर से गुज़र रही है। श्री मल्होत्रा ने विकास को समर्थन देते हुए स्थिरता बनाए रखने में मौद्रिक नीति के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को सच्चाई की सीमाओं को आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। इस क्षेत्र को उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपने प्रयासों को तेज़ करना चाहिए और साथ ही आने वाले अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
नियामक प्रकोष्ठ की समीक्षा प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नियामक समीक्षा प्रकोष्ठ सभी नियमों की कम से कम 5-7 वर्षों में एक बार समीक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई बैंक ऋण बढ़ाने के उपायों की जाँच कर रहा है और मूल्य स्थिरता तथा आर्थिक विकास के उद्देश्य से मौद्रिक नीति का संचालन जारी रखेगा।