मिज़ोरम के आर्थिक विशेषज्ञ पु लालहुनलियाना राल्ते ने जीएसटी संग्रह के पुनर्गठन को “सही दिशा में एक कदम” बताया है। उनके अनुसार कर संग्रह प्रक्रिया को सरल बनाने से समग्र कर राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव डाले बिना उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होने की उम्मीद है।
श्री राल्ते ने कहा कि सबसे ऊंची 40 प्रतिशत जीएसटी दर आबादी के एक छोटे से हिस्से को ही प्रभावित करती है और इसे नज़रअंदाज़ किया जाता है। उन्होंने कहा कि लोग इस सुधार के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि उत्पादों की कीमतें कम होंगी, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।