महाराष्ट्र के ऊपरी जलाशयों और बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण कर्नाटक में भीमा नदी बेसिन और कई निचले ज़िले जलमग्न हो गए। भीमा और मंजरा नदियों के उफान के कारण कलबुर्गी, यादगीर और बीदर ज़िलों में बाढ़ आ गई। उत्तरी कर्नाटक के कट्टिसांगवी और खानी गाँवों के पास भीमा नदी पर बने पुलों के जलमग्न होने से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-50 पर वाहनों का आवागमन बाधित हो गया।
यादगीर शाहपुर मार्ग को यातायात के लिए परिवर्तित कर दिया गया। बीदर में कल 122 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 199 प्रतिशत अधिक है। बीदर ज़िले के प्रभारी ईश्वर खंड्रे ने राजस्व विभाग को किसानों को 15 दिनों के भीतर मुआवज़ा देने का निर्देश दिया है। यादगीर के विभिन्न गाँवों में घरों में पानी भर जाने से एक हजार से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। अनुमान है कि बाढ़ के कारण एक लाख 18 हजार हैक्टयर से ज़्यादा भूमि पर फसल का नुकसान हुआ है।
कलबुर्गी और यादगीर ज़िलों के बीच राजमार्ग संख्या-150 पर यातायात बाधित होने से वाहनों की आवाजाही रुक गई है। उत्तर कन्नड़ ज़िले में भी लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। ज़िले में बृहस्पतिवार तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कल उत्तरी कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।