केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई ने हाल में महाराष्ट्र में नासिक के इगतपुरी स्थित एक रिसॉर्ट के किराए के परिसर में कथित तौर पर छह लोगों द्वारा संचालित एक कॉल सेंटर रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई ने 8 अगस्त को साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। मुंबई निवासी इन आरोपियों में अज्ञात लोग और बैंक अधिकारी शामिल हैं।
एजेंसी ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान विशाल यादव, अभय राज, समीर, शहबाज़ और दुर्गेश के रूप में हुई है। आरोपियों ने कथित तौर पर परस्पर और अन्य अज्ञात लोगों के साथ आपराधिक साजिश रची । उन्होंने अमेज़न सपोर्ट सर्विसेज कॉल सेंटर के रूप में एक अवैध कॉल सेंटर से फ़िशिंग कॉल/भ्रामक कॉल करके और नकली पहचान बनाकर वित्तीय धोखाधड़ी की।
सीबीआई के अनुसार, आरोपी अमरीका, कनाडा और अन्य देशों के नागरिकों को धोखा दे रहे थे और उपहार कार्ड तथा क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से धोखाधड़ी से आय प्राप्त कर रहे थे। आरोपियों ने कथित तौर पर अवैध कॉल सेंटर चलाने के लिए डायलर, वेरिफायर और क्लोजर सहित लगभग 60 ऑपरेटरों की भर्ती की थी।
एजेंसी का जांच में 44 लैपटॉप, 71 मोबाइल फ़ोन और अन्य आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। इसके अतिरिक्त, 1 करोड़ 20 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी, 500 ग्राम सोना और 1 करोड़ रुपये मूल्य की सात लग्ज़री कारें भी बरामद हुईं। लगभग 5 हजार यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी यानी 5 लाख रुपये और 2 हजार कैनेडियन डॉलर मूल्य के गिफ्ट वाउचर के लेनदेन का पता चला है।
तलाशी के दौरान, कॉल सेंटर में कार्यरत 62 कर्मचारी सक्रिय पाए गए और विदेशी नागरिकों को ठगने की प्रक्रिया जारी थी।