रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज मलेशिया के कुआलालंपुर में 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-एडीएमएम प्लस में भाग लेंगे। श्री सिंह इस बैठक में 15 वर्षों के चिंतन और भविष्य के कार्यक्रम विषय पर फोरम को संबोधित करेंगे।
एडीएमएम दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ – आसियान के भीतर सर्वोच्च रक्षा सलाहकार और सहयोगी निकाय के रूप में कार्य करता है। रक्षा मंत्री ने कल दूसरी आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि आज की अनिश्चित दुनिया में जहाँ कई पुरानी मान्यताएँ और अपेक्षाएँ बदल रही हैं वहीं आसियान-भारत संबंध स्थिरता का एक मजबूत स्तंभ बने हुए हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आसियान और भारत दोनों ने तीव्र आर्थिक विकास दिखाया है। उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा भारत-आसियान संबंधों का एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। उन्होंने आसियान-भारत समुद्री अभ्यास के दूसरे संस्करण पर सहमति व्यक्त करने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ के सदस्य देशों की सराहना की। रक्षा मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि समुद्री मार्गों की सुरक्षा देश की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत का आधे से ज़्यादा व्यापार दक्षिण चीन सागर और मलक्का जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है।
रक्षा मंत्री ने आसियान के साथ व्यापार संबंधों को और मज़बूत करने के लिए आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा जल्द पूरी करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में महिलाओं के लिए आसियान-भारत पहल के दूसरे संस्करण का प्रस्ताव रखते हुए, श्री सिंह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने शांति अभियानों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आसियान-भारत समुद्री अभ्यास और अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा 2026 भारत में आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों से नौसैनिक सहयोग और मजबूत होगा, अंतर-संचालन क्षमता बढ़ेगी तथा समुद्री सुरक्षा, संरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।