मप्र हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के 40 साल पुराने रासायनिक कचरे के निपटान की अनुमति दे दी है। भोपाल से 337 मीट्रिक टन कचरा पीथमपुर भेजा गया था। हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने इसमें से 10-10 मीट्रिक टन कचरा 27 फरवरी से तीन चरणों में जलाने को कहा है।
पहले चरण में कचरे का निपटान 135 किलोग्राम प्रति घंटे की दर से होगा, जिसे दूसरे और तीसरे चरण में क्रमशः 180 किलोग्राम और 270 किलोग्राम प्रति घंटे तक बढ़ाया जाएगा। इसके परिणाम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपे जाएंगे, जो शेष कचरे के निपटान की दर निर्धारित करेगा। 27 मार्च को कोर्ट में इसकी रिपोर्ट पेश की जाएगी।