मध्य रेलवे के रेल सुरक्षा बल-आरपीएफ और राजकीय रेल पुलिस-जीआरपी ने ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते के अंतर्गत महाराष्ट्र में पिछले 11 महीनों में 1 हजार निन्यानबे बच्चों को बचाने में सफलता पाई है। ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते के तहत रेल सुरक्षा बल पर उन बच्चों को बचाने का उत्तरदायित्व है, जो अपने घरों से भागे, खोए या उनका अपहरण किया गया हो।
जनवरी से नवंबर 2024 के बीच इस अभियान के जरिए मध्य रेलवे के रेल पुलिस बल ने राजकीय रेल पुलिस और अग्रिम पंक्ति के अन्य रेलवे कर्मचारियों के मिलकर 1 हजार 99 बच्चों को बचाया और उन्हें उनके परिवारों से मिलाया। इन बच्चों को महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों से बचाया गया।
मुंबई मंडल से 379 बच्चे बचाए गए, जबकि भुसावल से 247, पुणे से 246, नागपुर से 168 और सोलापुर रेल मंडल से 59 बच्चे बचाए गए। जनवरी से नवंबर 2023 की अवधि में इस ऑपरेशन के तहत 1 हजार 53 बच्चे बचाए गए थे जिनमें से 741 बालक और 312 बालिकाएं थीं।
वहीं, जनवरी से नवंबर 2024 के दौरान ऑपरेशन अमानत के तहत रेल सुरक्षा बल ने यात्रियों के 5 करोड़ 22 लाख कीमत के 1 हजार 491 सामानों को बरामद किया। केवल नवंबर 2024 में 43 लाख 72 हजार रुपये की 157 सामग्रियां बरामद की गईं। बरामद सामानों में यात्रियों के थैले, मोबाइल फोन, पर्स, लैपटॉप और अन्य मूल्यवान सामग्रियां शामिल हैं। रेल सुरक्षा बल पर केंद्रीय रेलवे पुलिस बल और अन्य पुलिस बलों की सहायता से रेल संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।