मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने प्राचीन भारतीय ज्ञान और परंपरा में विज्ञान के गुणों का उल्लेख किया और कहा कि हमारे नेताओं ने हमेशा किसानों और विज्ञान के बीच संबंधों के माध्यम से भारतीय पारंपरिक ज्ञान और विकास का मार्ग दिखाया है। उन्होंने बाल वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए मॉडलों की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के स्वचालन का भी उद्घाटन किया, जो लोगों को घर बैठे खगोलीय अध्ययन करने में सक्षम बनाता है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक वीडियो संदेश में कहा कि बच्चों में विज्ञान और नवाचार की भावना का विकास बहुत महत्वपूर्ण है और विकसित भारत के लिए आवश्यक भी है। उन्होंने भारत की स्टार्ट-अप प्रगति और हैकाथॉन जैसे आयोजनों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
यह 4 दिवसीय आयोजन 6 जनवरी तक चलेगा, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के सात सौ से अधिक बाल वैज्ञानिक और शिक्षक भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान चंद्रयान मिशन, रोबोटिक्स, हाइड्रोपोनिक्स, वाटर रॉकेट्री, पर्यावरण आधारित प्रदर्शनी और लोकगीत जैसे कई आकर्षक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. चेतन सोलंकी, डॉ. नंद कुमार और डॉ. चैतन्य पुरी भी बच्चों से संवाद करेंगे। इस वर्ष का मुख्य विषय “स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना” है। यह कार्यक्रम बच्चों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देगा और उन्हें समाज की समस्याओं के समाधान में नवाचार का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा।