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दिसम्बर 31, 2024 4:15 अपराह्न

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मंडीः मां शारदा (सिमसा) के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को वाहनों के लंबे जाम से मुक्ति

मंडी जिला के जोगिन्दर नगर उपमंडल के प्रमुख धार्मिक स्थल संतान दात्री मां शारदा (सिमसा) के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को अब न केवल आए दिन लगने वाले वाहनों के लंबे जाम से मुक्ति मिलने वाली है, बल्कि आवागमन भी बेहतर व सुगम होने वाला है। प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना-चरण तीन के तहत गागल से सिमस लगभग पांच किलोमीटर संपर्क मार्ग के उन्नयन (अपग्रेडेशन) का कार्य शुरू हो चुका है।
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सडक़ के उन्नयन कार्य पर लगभग 5 करोड़ रूपये व्यय किये जा रहे हैं। इस निर्माण कार्य के चलते जहां सडक़ को चौड़ा किया जा रहा है तो वहीं सडक़ के किनारे नाली, फुटपाथ सहित मेटलिंग व टारिंग का कार्य भी किया जाएगा। साथ ही सडक़ पर आवागमन को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए जगह-जगह डंगे, पैरापेट, क्रैश बैरियर व स्टड रिफलेक्टर इत्यादि भी स्थापित किये जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सडक़ पर अब छोटे-बड़े सभी वाहनों को जहां पास देने की दिक्कत से छुटकारा मिल जाएगा तो वहीं आए दिन लगने वाले वाहनों के लंबे जाम से मुक्ति मिलने पर अब श्रद्धालु सीधे मां के दरबार में आसानी से पहुंच पाएंगे।
 
जोगिन्दर नगर उपमंडल के अंतर्गत तहसील लडभड़ोल के गांव सिमस में मां शारदा (सिमसा) का यह पवित्र स्थान मौजूद है। प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ मंदिर परिसर में पहुंचते हैं। विशेषकर नवरात्रों के दौरान संतान की चाहत में बड़ी संख्या में महिलाएं हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए यहां पहुंचती हैं। ऐसे में नवरात्रों के दौरान मां के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को जहां सडक़ के तंग होने से न केवल घंटों वाहनों की जाम की स्थिति से परेशानी झेलनी पड़ती है तो वहीं लंबा जाम लगने पर दो से तीन किलोमीटर तक पैदल सफर भी करना पड़ता है। लेकिन अब सडक़ के विस्तारीकरण से श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी वाहनों के इस लंबे जाम से मुक्ति मिलने वाली है।
 
सडक़ के विस्तारीकरण कार्य में 70 फीसदी निजी भूमि, स्थानीय लोग खुलकर कर रहे सहयोग
गागल-सिमस संपर्क सडक़ के विस्तारीकरण कार्य में लगभग 70 फीसदी निजी भूमि आ रही है। लेकिन मां सिमसा के प्रति लोगों की गहरी आस्था व विश्वास का ही परिणाम है कि लोग खुलकर निजी भूमि का दान कर रहे हैं। स्थानीय वासियों राकेश कुमार, अनिल कुमार, रमेश चंद, सुरेश कुमार, राजेश कुमार इत्यादि का कहना है कि मां सिमसा के कारण ही आज उनके गांव का नाम हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध हुआ है। संतान की चाहत में प्रति वर्ष हजारों महिलाएं देश-विदेश से अपनी मन्नत को पूरा करने को मां के दरबार में पहुंचती है। मां शारदा की ही शक्ति का प्रसाद है कि आज हजारों परिवारों को संतान सुख प्राप्त हो रहा है। उनका कहना है कि प्रतिवर्ष बढ़ते श्रद्धालुओं के कारण ही स्थानीय लोगों को सीधे व परोक्ष तौर पर रोजगार के अवसर पर भी मिल रहे हैं।
 
गांव की ही 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला सीता देवी का कहना है कि जब अस्सी के दशक में पहली बार सडक़ सिमस गांव पहुंची थी तब भी ग्रामीणों ने खुलकर निजी भूमि दान की थी तथा आज भी वे सडक़ के विस्तारीकरण में अपनी निजी भूमि का दान कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह मां शारदा का ही चमत्कार है कि आज सिमस गांव में तरह-तरह के विकास कार्य संभव हो पाए हैं तथा लोगों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है। पहले गांव की महिलाओं को मात्र एक घड़ा पीने के पानी का इंतजाम करने में घंटों कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी तथा 2 से 3 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था।
 
क्या कहते हैं अधिकारी:
एसडीएम जोगिन्दर नगर मनीश चौधरी का कहना है कि संतान दात्री मां शारदा (सिमसा) इस क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक स्थान है। मां के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का ही परिणाम है कि प्रति वर्ष भारी तादाद में लोग दर्शनार्थ यहां पहुंचते हैं।
 
उनका कहना है कि गागल-सिमस संपर्क मार्ग के विस्तारीकरण का कार्य शुरू हो जाने से जहां आने वाले समय में यातायात सुगम व सुरक्षित होगा तो वहीं श्रद्धालुओं को भी आने-जाने में सुविधा मिलेगी। साथ ही स्थानीय वासियों को भी इस सडक़ सुविधा का सबसे अधिक लाभ सुनिश्चित होगा।