विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज कहा कि भारत सभी आवश्यक राष्ट्रीय क्षमताओं को विकसित करेगा, जिससे आने वाले समय में वह नेतृत्वकर्ता बन सके। नई दिल्ली में व्यापारिक संगठनों द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में श्री जयशंकर ने कहा कि व्यापार अनुकूल वातावरण के साथ हमें योग्यता और प्रतिस्पर्धात्मक स्थितियां विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत में मजबूत विकास, शासन व्यवस्था में सुधार, वित्तीय अनुशासन, आधारभूत संरचना और तेजी से बढ़ता डिजिटाइजेशन देखा जा सकता है। उन्होंने विश्व में बढ़ रहे तनाव पर चिंता व्यक्त की और विश्व स्थिरता में भारत के योगदान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत प्रथम और वसुधैव कुटुम्बकम भारत को विश्वबंधु के रूप में पहचान दिलाता है।