मई 9, 2024 9:51 अपराह्न

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भारत में वर्ष 1950 से 2015 तक बहुसंख्यक आबादी में 7 दशमलव आठ-दो प्रतिशत की गिरावट आई

 

भारत में वर्ष 1950 से 2015 तक बहुसंख्यक आबादी में 7 दशमलव आठ-दो प्रतिशत की गिरावट आई है। यह दक्षिण एशियाई देशों म्यांमार के बाद दूसरी सबसे बडी गिरावट है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की एक रिपोर्ट में कहा गया है भारत में अल्पसंख्यक समूहों – मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिखों की हिस्सेदारी में वृद्धि देखी गई है तथा जैन और पारसियों की आबादी में गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 1950 में हिंदू आबादी 84 दशमलव 6-8 प्रतिशत थी, जो 2015 में घटकर 78 दशमलव शून्‍य-6 प्रतिशत रह गई। इसी अवधि में देश में मुस्लिम आबादी 43 दशमलव एक-पांच प्रतिशत और ईसाई आबादी में पांच दशमलव तीन-आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई।

इस रिपोर्ट में 167 देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी का विस्तृत विश्लेषण प्रदान किया गया है। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक आबादी काफी कम हो गई है। वर्ष 1950 से 2015 के बीच 167 देशों में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की जनसंख्‍या में औसतन 22 प्रतिशत की कमी आई है।