अंतरराष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान-इकरीसैट के वैज्ञाानिकों द्वारा विकसित सौर ऊर्जा चालित जलकुंभी हार्वेस्टर की भारत में पहली औद्योगिक डिजाइन को स्वीकृति मिल गई है। इकरीसैट के अनुसार यह हार्वेस्टर सरल और सस्ता है। इसका संचालन अर्द्ध कुशल या अकुशल श्रमिकों द्वारा आसानी से किया जा सकता है। इस सौर ऊर्जा उपकरण की डिजाइन और निर्माण देश में ही किया गया है। स्वच्छ ऊर्जा को प्राथमिकता देने के संदर्भ में इस उपकरण से बचत, समय और श्रम में 50 से 60 प्रतिशत की कमी होती है।
इकरीसैट के अंतरिम महानिदेशक डॉ. स्टैनफॉर्ड ब्लेड ने कहा है कि कम लागत का हार्वेस्टर ग्रामीण समुदायों की आवश्यकताओं के लिये पर्यावरण अनुकूल समाधान है।
समायोजी कृषि और खाद्य प्रणाली के अनुसंधान कार्यक्रम निदेशक डॉ.एम. एल.जाट ने कहा कि इकरीसैट दो या तीन लोगों द्वारा दो-तीन दिन में 3 एकड़ की तालाब से 72 हजार किलोग्राम जलकुंभी बायोमास यांत्रिक रूप से एकत्रित करने की क्षमता रखता है।