भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के खिलाफ अपराधों पर सजा सुनिश्चित करने की मांग की है। भारत ने कहा कि शांति रक्षा मिशनों की सफलता के लिए जवाबदेही तय करना रणनीतिक रूप से आवश्यक है।
संयुक्त राष्ट्र ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स की एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि शांति रक्षकों को खतरनाक इलाकों में सेवा देते हुए गंभीर खतरों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनके खिलाफ होने वाले अधिकांश अपराधों के लिए सजा सुनिश्चित नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि जवाबदेही के अभाव में अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचता है।
भारत ने इस बैठक की सह अध्यक्षता की और चालीस देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता के दौरान दिसम्बर 2022 में ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स की शुरुआत की गई थी। इसका लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के खिलाफ अपराधों पर कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
पिछले 70 वर्षों में भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के लिए तीन लाख से अधिक शांति रक्षक भेजे हैं। इस मिशन के लिए भारत का योगदान सबसे बड़ा है।