भारत ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए वर्ष 2030 की समय-सीमा से पाँच वर्ष पहले ही अपनी कुल विद्युत क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म स्रोतों से स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। लोकसभा में आज ऊर्जा संबंधी एक स्थायी समिति ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय तथा अन्य हितधारकों की इस उपलब्धि के लिए प्रशंसा की। यह उपलब्धि देश को अपनी दीर्घकालिक जलवायु प्रतिबद्धताओं की दिशा में एक मज़बूत कदम उठाने में सहायता करेगी।
समिति ने कहा कि भारत को 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता का व्यापक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अगले पांच वर्ष में लगभग 176 गीगावाट के नए सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है। 128 गीगावाट सौर क्षमता वर्तमान में कार्यान्वयन के अंतर्गत है, जबकि अतिरिक्त 62 गीगावाट निविदा चरण में है।
समिति ने भूमि अधिग्रहण में देरी, अनुमोदन में अड़चन, अपर्याप्त भंडारण बुनियादी ढांचा और घरेलू विनिर्माण को मजबूत करने की आवश्यकता की चुनौतियों का उल्लेख किया है।
इन बाधाओं को दूर करने की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हुए, समिति ने सभी संबंधित हितधारकों से नियोजित रूपरेखा का उचित रूप से पालन करने का आग्रह किया जिससे सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में बाधा न आए।