भारत ने प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम और विशेष कर विकासशील देशों में सतत विकास पर असर के बीच संतुलन बनाने का आह्वान किया है। दक्षिण कोरिया के बुसान में अंतर-सरकारी वार्ता समिति के 5वें पूर्ण सत्र में भारत ने प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने का मुद्दा उठाया।
भारत ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए आपसी विश्वास और एक-दूसरे की परिस्थितियों को समझना आवश्यक है। भारत ने प्राथमिक प्लास्टिक पॉलिमर के उत्पादन पर विनियमन के किसी उपाय का समर्थन करने में असमर्थता व्यक्त की, क्योंकि इससे सदस्य देशों के विकास अधिकार प्रभावित होते हैं। भारत ने विकासशील देशों को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बहुपक्षीय कोष बनाने पर बल दिया।