भारत ने मार्च में सबसे अधिक विदेशी फंड आकर्षित करके बाकी एशियाई बाजारों को पछाड़ दिया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने दिसंबर 2023 के बाद से सबसे बड़ी खरीदारी में भारतीय इक्विटी में 3 अरब 63 करोड़ डॉलर का निवेश किया। घरेलू संस्थानों ने 52 हजार 467 करोड़ रुपए का निवेश किया, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है।
इस उपलब्धि से भू-राजनैतिक संकट के कारण चली आ रही ऊंची ब्याज दर व्यवस्था के कुछ और समय तक जारी रहने की चिंता दूर होती दिखाई दे रही है।
भारत के अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों ने दक्षिण कोरिया, ताइवान और इंडोनेशिया को भी प्राथमिकता दी और उन्होंने जापान, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम और श्रीलंका के बाजारों से पैसा निकालने का निर्णय लिया।